काउंसलर और क्लाइंट के बीच पहली मुलाकात पूरी काउंसलिंग प्रक्रिया का एक मूलभूत हिस्सा है। आगे की बैठकों की प्रभावशीलता सीधे इस बात पर निर्भर करती है कि पहली बातचीत कैसे शुरू होती है।
निर्देश
चरण 1
बैठक की शुरुआत एक दोस्ताना हाथ मिलाने से करें। यह क्लाइंट को दिखाएगा कि आप एक प्रभावी बातचीत शुरू करने के लिए तैयार हैं।
चरण 2
पहले अपना परिचय दें, फिर क्लाइंट का पहला और अंतिम नाम पता करें। काउंसलिंग की शुरुआत में ही आपको बहुत अधिक अनावश्यक जानकारी नहीं सीखनी चाहिए।
चरण 3
क्लाइंट के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाएं। अक्सर, एक व्यक्ति डर और उत्तेजना की भावना के साथ परामर्शदाता के पास आता है।
चरण 4
सक्रिय पक्ष की भूमिका निभाएं। ग्राहक से चिंता के प्रश्न पूछने वाले पहले व्यक्ति बनने का प्रयास करें। स्पष्ट उत्तरों वाले प्रश्नों से बचें, इससे क्लाइंट की मौत हो सकती है।
चरण 5
ग्राहक को परामर्श प्रक्रिया की संरचना से परिचित कराना। शुरुआत में ही समय सीमा तय कर लें।
चरण 6
क्लाइंट से पता करें कि वह किसकी पहल पर अपॉइंटमेंट पर गया था। बैठकों की समीचीनता को स्पष्ट किया जाना चाहिए।
चरण 7
क्लाइंट को दिखाएं कि आपके द्वारा मिलने वाली हर मीटिंग बहुत फायदेमंद हो सकती है।
चरण 8
ग्राहक के खुलेपन के किसी भी रूप को प्रोत्साहित करें। खुद के अलावा कोई और समस्या हल नहीं कर सकता।